डब्ल्यूएचओ ने बताए डेंगू से बचने के उपाय, पढ़ें
इन दिनों देश भर में डेंगू के मामले देखे जा रहे हैं, उत्तर प्रदेश में इससे सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं, वहीं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा में भी काफी मामले आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूपी में मौतों के पीछे डेंगू के एक विशेष प्रकार - DENV2 या D2 जिम्मेदार है। भारत में हर साल मानसून में डेंगू के मामले बढ़ जाते हैं।
क्यों होता है डेंगू
डेंगू मच्छरों से होता है ।विश्व स्वास्थ संगठन ने इसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता बताया है। डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि यह रोग ज्यादातर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में होता है। डेंगू वायरस (DENV) के चार वैरिएंट है सीरोटाइप - DENV-1, DENV-2, DENV-3, DENV-4। यानी डेंगू संभावित रूप से किसी व्यक्ति पर चार बार हमला कर सकता है। एक स्ट्रेन के संक्रमण को उस स्ट्रेन के खिलाफ हमेशा के लिए प्रतिरक्षा देता है, लेकिन अन्य तीन स्ट्रेन से संक्रमित होना संभव है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि DENV संक्रमण केवल हल्का प्रभाव डालते हैं, जबकि कुछ DENV एक तीव्र फ्लू जैसी बीमारी का कारण बन सकता है। जिसे गंभीर डेंगू कहा जाता है।
क्यों है घातक
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि लोग जहां जागरुक नहीं हैं, वहां कई बार यह ज्यादा खतरनाक होता है। गंभीर डेंगू के मामले पहली बार 1950 में फिलीपींस और थाईलैंड में पहचाना गया, अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो इस बीमारी से मौत भी हो सकती है। गंभीर डेंगू के मामले अब लगभग सभी एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों में देखे जाते हैं।
लक्षण
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि डेंगू फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है और 2-7 दिनों तक रहता है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का कहना है कि तेज बुखार के साथ सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली, उल्टी, सूजन जैसी किसी भी तरह की शिकायत हो तो जांच कराएं।
डेंगू बुखार की रोकथाम ऐसे करें
1. मच्छरों के प्रजनन को बढ़ावा देने वाले बर्तनों को हटा दें, कचरा ना रखें।
2. बगीचे या छत के सभी कंटेनरों या खाली बर्तनों को ढक दें।
3. पानी के कंटेनर को नियमित रूप से साफ करें।
4. मच्छरों से त्वचा का संपर्क कम करें, पूरे कपड़ें पहनें।
5. स्प्रे, क्रीम और जाल जैसे मच्छर भगाने वाली दवाओं का प्रयोग करें।
6. दरवाजे और खिड़कियों में छेद न हो।
7. डेंगू बुखार से प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें।