सदमे से सूख गए बेटे के आंसू: मम्मी पापा सो गए होंगे, ये सोचकर पड़ोस के घर में सोने चला गया बेटा

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सदमे से सूख गए बेटे के आंसू: मम्मी पापा सो गए होंगे, ये सोचकर पड़ोस के घर में सोने चला गया बेटा

सदमे से सूख गए बेटे के आंसू: मम्मी पापा सो गए होंगे, ये सोचकर पड़ोस के घर में सोने चला गया बेटा


फरीदाबाद । फरीदाबाद पुलिस लाइन स्थित मकान नंबर 60 में हेड कांस्टेबल सरोज अपने परिवार के साथ रहा करता था. रोजाना की तरह कॉन्स्टेबल का 14 वर्षीय बेटा जब ट्यूशन पढ़कर घर लौटा तो कई बार घंटी बजाने के बावजूद भी गेट नहीं खुला. उसे लगा कि उसके माता-पिता सो गए होंगे यह जानकर वह पड़ोस के मकान में जाकर सो गया.

सुबह परीक्षा के लिए जाना था और जब वह दोबारा घर पहुंचा तो उसे पता चला कि उसकी माता पिता उसे हमेशा के लिए छोड़ कर चले गए हैं. सुबह की इस घटना को देखकर मासूम इतने सदमे में आ गया कि उसकी आंखों से आंसू तक नहीं निकले. बता दे कि, देव नौवीं कक्षा में पढ़ रहा है और बुधवार की सुबह उसकी परीक्षा थी जिसकी वजह से मंगलवार शाम परीक्षा की तैयारी की वजह से उसे ट्यूशन से आने में देरी हो गई रात के 10:00 बजने के बाद जब देव घर पहुंचा तो दरवाजा बंद था दो तीन बार घंटी बजाई लेकिन दरवाजा नहीं खुला.

देव को लगा उसके माता-पिता सो गए हैं इसीलिए वह पड़ोस के पुलिसकर्मी के मकान पर जाकर सो गया. वहीं इस मामले को लेकर सेक्टर 31 थाना प्रभारी बलवंत सिंह ने बताया है कि मंगलवार देर रात करीब 10:00 बजे जब हेड कांस्टेबल सरोज का बेटा देव ट्यूशन पढ़ रहा था. तब उसके पिता धर्मेंद्र ने फोन पर उससे बात की थी और कहा था कि बेटा आराम से पढ़ कर आना, कोई जल्दबाजी नहीं है.

नौकरी को लेकर पति-पत्नी में होती थी कहासुनी

कहा जा रहा है कि, धर्मेंद्र अपनी गाड़ी टैक्सी के रूप में चलाया करता था. ऐसे में सुरक्षित नौकरी ढूंढने को लेकर हेड कॉन्स्टेबल सरोज और धर्मेंद्र के बीच कई बार कहासुनी हो जाती थी. आशंका जाहिर की जा रही है कि मंगलवार को भी इन दोनों के बीच में कुछ ऐसे ही कहासुनी हुई होगी. वही मृत सरोज की गर्दन पर निशान पाए गए हैं और मुंह को टेप से बंद किया गया था.

साथी कर्मचारियों को सरोज की मौत पर नहीं हो रहा यकीन

कर्मचारियों को इस बात का यकीन नहीं हो रहा कि रोजाना साथ काम करने वाली सरोज अब उनको छोड़कर चली गई है. वही उनके साथियों का कहना है कि सरोज काफी खुशमिजाज व्यवहार की थी और हमेशा अपने साथियों के साथ घुलमिल कर रहती थी. वही एनआटी महिला थाना प्रभारी माया ने बताया है कि जो भी काम सरोज को सौंपा जाता था वह काफी गंभीरता से उस काम को किया करती थी.

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