मानसून की पहली बारिश से हरियाणा हुआ बेहाल, बढ़ी बाढ़ की आशंका

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मानसून की पहली बारिश से हरियाणा हुआ बेहाल, बढ़ी बाढ़ की आशंका

मानसून की पहली बारिश से हरियाणा हुआ बेहाल, बढ़ी बाढ़ की आशंका


यमुनानगर. यमुनानगर में मानसून ने दस्तक दे दी है. सुबह से ही यहां मूसलाधार बारिश जारी है. पारा लुढ़क कर नीचे आ गया है और मौसम सुहाना हो चुका है. मगर हर बार की तरह मानसून अपने साथ कई मुसीबते भी लाया है. शहरी विकास को लेकर निगम के दावों को पहली ही बारिश ने धोकर रख दिया है. मुख्य सड़कों और इलाकों में वाटर लॉगिंग की समस्या ने शहर की रफ्तार सुस्त कर दी है.पहाड़ों से उतरने वाली बरसाती नदियां सोम और पथराला उफान पर हैं और दोनों ही नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. लेकिन गनीमत है कि अभी तक इन बरसाती नदियों से किसी भी इलाके में नुकसान होने की सूचना नहीं है. जबकि इनका पानी फसलों तक पहुंच चुका है. सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ने बताया कि सोम नदी की क्षमता 10 हजार क्यूसेक पानी की है. मगर इस समय सोम नदी में 14160 क्यूसेक पानी बह रहा है. वहीं, अगर बात करें पथराला नदी की तो उसकी क्षमता 4 हजार क्यूसेक पानी की है. मगर इस समय पथराला नदी में 5040 क्यूसेक पानी बह रहा है. एसई के मुताबिक, फिलहाल अभी तक कहीं भी बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं और उनका स्टाफ एवं टीम लगातार बाढ़ ग्रसित एरिया का दौरा कर रहे हैं.सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि इस बार मानसून से पहले ही सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई थीं, ताकि ग्रामीण इलाकों में बरसाती नदियों सोम एवं पथराला का पानी न घुस सके. और किसी भी तरह का कोई नुकसान न हो. आपको बता दें कि इन दोनों बरसाती नदियों के उफान पर आने से हर साल दर्जन भर से ज्यादा गांव प्रभावित होते हैं. किसानों की फसलें जलमग्न हो जाती हैं और आबादी में भी पानी घुसने का डर बना रहता है.

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