हरियाणा की 8 साल की आश्वी, कत्थक नृत्य में निपुण बेटी अब मलयालम फिल्म में करेगी एक्टिंग

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हरियाणा की 8 साल की आश्वी, कत्थक नृत्य में निपुण बेटी अब मलयालम फिल्म में करेगी एक्टिंग

हरियाणा की 8 साल की आश्वी, कत्थक नृत्य में निपुण बेटी अब मलयालम फिल्म में करेगी एक्टिंग


पंचकूला । हुनर के लिए रुतबा और उम्र कोई मायने नहीं रखती है. इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है पंचकूला के सेक्टर-4 की रहने वाली मात्र 8 साल की आश्वी ने. आश्वी भवन विद्यालय पंचकूला में दूसरी कक्षा में पढ़ाई कर रही है और इतनी छोटी उम्र में उसने जो मुकाम हासिल किया है,वह काबिले-तारीफ है. नन्ही बच्ची के हुनर की हर कोई खुले दिल से तारीफ कर रहा है.

अपने हुनर की बदौलत जल्द ही आश्वी फिल्मों में अभिनय करती हुई नजर आने वाली हैं. उसे साउथ की फिल्म में चाइल्ड एक्टर का ऑफर मिला है. बता दें कि आश्वी ने महज 3 वर्ष की उम्र में ही कत्थक नृत्य सीखना शुरू कर दिया था और आश्वी को कथक गर्ल कहा जाए तो गलत नहीं होगा. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि आश्वी में सीखने की ऐसी ललक थी कि वह अब तक 5 से ज्यादा राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नृत्य प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज कर चुकी हैं. कत्थक के बाद अब आश्वी जल्द ही दक्षिण भारतीय फिल्म चोप्पू में गर्ल्स चाइल्ड एक्ट्रेस के तौर पर डेब्यू करने जा रही हैं. इस मलयालम फिल्म की शूटिंग अगले महीने जनवरी 2022 से शुरू होगी.

मां से सीखा कत्थक

आश्वी की मां रंजना भवन विद्यालय स्कूल पंचकूला में संगीत की अध्यापिका है. आश्वी ने मां से ही कत्थक की बारिकियां सीखी और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया. अब तक हुई 15 से ज्यादा प्रतियोगिता जिनमें यूनिसन इंटरनेशनल स्कूल डांस प्रतियोगिता में प्रथम, पंजाब डांस प्रतियोगिता-2021 में प्रथम स्ट्रीक किड्स एचीवर्स अवार्ड व सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र चंडीगढ़ में भी प्रथम स्थान हासिल करते हुए कत्थक नृत्य में खुद को साबित कर दिखाया है. वहीं आश्वी ने हाल ही में चंडीगढ़ आर्ट थिएटर की तरफ से 19 दिसंबर 2021 को आयोजित नृत्य प्रतियोगिता में बेस्ट गर्ल्स डांसर ऑफ द ईयर-2021 का खिताब जीतकर अपने हुनर को क़ायम किया है.

नौकरी के लिए केरल से पंचकूला आकर बस गया परिवार

आश्वी की मां ने बताया कि वह मूल रूप से केरल निवासी हैं लेकिन 15 साल पहले नौकरी के लिए पंचकूला आकर बस गए थे. आश्वी के पिता हिमाचल प्रदेश के परवाणू क्षेत्र में एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं और वह खुद पंचकूला के एक स्कूल में म्यूजिक टीचर के पद पर कार्यरत हैं.

मां रंजना ने बताया कि मैंने खुद कत्थक नृत्य की शिक्षा हासिल की है क्योंकि दक्षिण भारत में साहित्य और कला को अहम स्थान दिया जाता है. मुझे देखकर बेटी आश्वी ने कत्थक नृत्य में निपुणता हासिल की और कई प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त कर उसने खुद को साबित करने का काम किया है. आश्वी खुद भी एक्टिंग करना चाहतीं थीं और इस काम में हम बेटी को हर तरह से सपोर्ट करेंगे.

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