खट्टर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग

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खट्टर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग

खट्टर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग


मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ यूथ कांग्रेस ने पुलिस को दी लिखित शिकायत

खट्टर के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग

प्रदेश की कानून व्यवस्था और शांति के लिए खतरनाक है मुख्यमंत्री का बयान- बुद्धिराजा

5 अक्टूबर, चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आपराधिक बयान के विरोध में आज यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल दिव्यांशु बुद्धिराजा के नेतृत्व में सेक्टर-3 स्थित पुलिस स्टेशन पहुंचा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की। पुलिस को सौंपी शिकायत में बुद्धिराजा ने कहा  कि सोशल मीडिया पर 3 अक्टूबर 2021 का एक वीडियो वायरल हो रहा है , इसमें मुख्यमंत्री अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिख रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि मुख्यमंत्री अपने कार्यकर्ताओं को आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ हथियार उठाने के लिए उकसा रहे हैं।

वो कह रहे हैं कि खासतौर पर उत्तर और पश्चिम हरियाणा में 500 से 1000 लोगों का ग्रुप बनाया जाए और आंदोलनकारी किसानों को सबक सिखाने के लिए डंडा उठाया जाए। मुख्यमंत्री यह भी कह रहे हैं कि कार्यकर्ताओं को कानूनी कार्रवाई और जेल जाने से नहीं डरना चाहिए क्योंकि जेल जाने से वह बड़े नेता बनेंगे। 

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे दिव्यांशु बुद्धिराजा ने मुख्यमंत्री के बयान को निहायत ही निंदनीय और आपराधिक प्रवृत्ति का बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति का किसी संवैधानिक पद पर रहना प्रदेश की कानून व्यवस्था और शांति बहाली के लिए खतरनाक हो सकता है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक मंत्री के बेटे ने किसानों को अपनी कार के नीचे रौंद दिया, ऐसे माहौल में मुख्यमंत्री का उकसावे वाला बयान हरियाणा में हिंसा को भड़का सकता है। ऐसा बयान प्रदेश की पुलिस के सामने भी चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है। अगर प्रदेश में ऐसी कोई स्थिति पैदा होती है तो इसके लिए पूरी तरह मनोहर लाल खट्टर जिम्मेदार होंगे। 

बुद्धिराजा ने कहा कि कानून के तमाम विशेषज्ञों के मुताबिक मुख्यमंत्री के बयान को देखते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला बनता है। पुलिस को फौरन आईपीसी के सेक्शन 115, 117, 121, 124a, 153, 153ए, 153बी, 157, 505, 511, 120बी और आईटी एक्ट के सेक्शन 67 समेत अन्य धाराओं के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए।

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